नई दिल्ली - केंद्र सरकार ने गुरुवार को जानकारी दी कि देश की 69 फीसद वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग गई है और 25 प्रतिशत ने दोनों खुराक ले ली हैं। इसने यह भी कहा कि जनसंख्या घनत्व ज्यादा होने के कारण त्योहारों के दौरान कोरोना के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इस दौरान गैर-जरूरी यात्रा से बचना चाहिए। सरकार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण केंद्रों में कोरोना वैक्सीन की 64.1 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 35 प्रतिशत खुराक दी गई है। ग्रामीण/शहरी के तौर पर चिन्हित नहीं किए गए टीकाकरण केंद्रों पर कुल 67.4 लाख खुराक (लगभग 0.88 प्रतिशत) दी गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार गुरुवार सुबह तक 88 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। इसमें 64 करोड़ से ज्यादा पहली डोज और 23.70 करोड़ दूसरी डोज हैं। 99% स्वास्थ्यकर्मियों को पहला डोज लग चुका है। फ्रंटलाइन वर्कर्स में 100% लोगों को पहली डोज लग चुकी है।
जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन पर सरकार ने कहा कि ये तीन डोज की निडिल फ्री वैक्सीन है और इसकी कीमत वर्तमान में उपयोग किए जा रहे टीकों से अलग होगी। इसकी कीमत को लेकर निर्माता से बातचीत चल रही है। बता दें कि जनवरी 2021 की शुरुआत में भारत बायोटेक और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा कोविशील्ड नाम से विकसित आक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली। देश में कोरोना कोरोना टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी को हुई।
पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया। इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण हुआ। 1 मार्च से 60 साल से ऊपर और गंभीर रोग वाले 45 साल के ऊपर के लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ। इसके बाद 45 साल से ऊपर किसी भी व्यक्ति को टीका लगवाने की अनुमति दी गई। इसके बाद एक मई से 18 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगवाने की अनुमति मिली। फिलहाल देश में तीन टीकों कोवैक्सीन, कोविशिल्ड और रूस की स्पुतनिक V का इस्तेमाल कोरोना टीकाकरण के लिए हो रहा है।
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