छत्तीसगढ़ पुलिस में तैनात कांस्टेबल का बेटा बनेगा डीएसपी, पहली बार में क्रैक किया पीसीएस का एग्जाम... The son of a constable posted in Chhattisgarh Police will become DSP, cracked PCS exam for the first time

कहते हैं कि सफलता पाने का कोई एक सूत्र नहीं हो सकता लेकिन अगर किसी के अंदर वास्तव में कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो उसे कोई भी पछाड़ नहीं सकता है। छत्तीसगढ़ के दीपक ठाकुर पर यह पंक्ति सटीक बैठती है। छत्तीसगढ़ पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात पिता के बेटे दीपक ठाकुर ने पहली बार में ही छत्तीसगढ़ पीसीएस का एग्जाम क्रैक कर लिया है और उनका डीएसपी बनना लगभग तय है।


पहले ही प्रयास में छत्तीसगढ़ पीसीएस एग्जाम को क्रैक कर 367 रैंक लाने वाले दीपक ठाकुर के पिता सुंदर सिंह ठाकुर गरियाबंद थाने में पुलिस कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। दीपक की इस कामयाबी पर पिता फूले नहीं समा रहे हैं। पिता को अपने वरीय अधिकारियों से भी बधाइयां मिल रही है। उनके पूरा इलाके में ख़ुशी का माहौल है। दीपक के अनुसार रिजल्ट आने के बाद जब उन्होंने अपने पिता को फोन किया और अपना रिजल्ट बताया तो उनके पिता के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।


 बचपन से ही अफसर बनने की चाहत रखने वाले दीपक ठाकुर के हौंसलों को बल तब मिला जब वे छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी से मिले। दीपक के अनुसार करीब 2 साल पहले डीजीपी अवस्थी ने पुलिसकर्मियों के बच्चों से मुलाकात की थी जो पढ़ाई में अच्छे थे। उसी दौरान दीपक की भी मुलाकात डीजीपी अवस्थी से हुई। मुलाकात के दौरान दीपक के हौंसलों को देखकर ही डीजीपी अवस्थी ने उसे सिविल सर्विस की तैयारी करने की सलाह दी।


डीजीपी की इस सलाह को दीपक ने अपने मन में बसा लिया और वे तैयारी करने में लग गए। तैयारी के लिए दीपक दिल्ली भी गए। दिल्ली में रहकर ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी की और छत्तीसगढ़ पीसीएस 2019 की परीक्षा दी। मेहनत की बदौलत ही दीपक ने अपने पहले प्रयास में ही पीसीएस की परीक्षा पास की और 367वीं रैंक हासिल की। दीपक को इस रैंक के अनुसार छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा मिल सकता है।



इस परीक्षा में एक शादीशुदा जोड़े ने भी कीर्तिमान रचा है। दूसरा रैंक हासिल करने वाली सृष्टि चंद्राकर और तीसरा रैंक हासिल करने वाले सोनल डेविड पति-पत्नी हैं। हालांकि दोनों पहले से ही छत्तीसगढ़ सरकार में सेवारत हैं। सृष्टि चंद्राकर डीएसपी के रूप में तैनात हैं और सोनल डेविड सहायक जेल अधीक्षक हैं। दोनों ने नौकरी करते हुए अपनी तैयारी जारी रखी और अपना लक्ष्य हासिल किया।

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