एक फर्जी ईमेल खाली कर सकता है आपका बैंक अकाउंट, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान.... A fake email can empty your bank account, keep these things in mind to avoid it.
Phishing Safety Tips: आज के दौर में ज्यादातर लोग बैंक से जुड़े कामकाज के लिए इंटरनेट और स्मार्टफोन की मदद लेते हैं. ऐसे में साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं. और साइबर क्राइम के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में इनसे सावधान रहना बहुत जरूरी है. इनमें से एक तरीका फिशिंग का है. आइए जानते हैं कि फिशिंग क्या है और इससे बचने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.
फिशिंग क्या है?
फिशिंग एक वैश्विक समस्या है, जिसका सामना दुनिया भर के बैंक कर रहे हैं. इसमें आपकी बैंकिंग डिटेल्स को चुराने की कोशिश की जा सकती है. फिशिंग एक ईमेल हो सकता है, जो किसी बैंक या लोकप्रिय वेबसाइट की ओर से होने का दावा कर सकता है.
यह ध्यान में रखें कि बैंक आपका गोपनीय डेटा जैसे लॉग इन और ट्रांजैक्शन पासवर्ड, वन टाइम पासवर्ड (OTP),यूनिक रेफरेंस नंबर (URN) आदि नहीं पूछते हैं.
फिशिंग से कैसे बचें?
1.स्पैम मेल को कभी न खोलें. ऐसे मेल से खास तौर पर बचकर रहें, जो अनजान व्यक्ति की ओर से भेजा गया हो.
2.इसके अलावा ऐसे मेल से भी बचें, जिसमें आपको इंटरनेट पर निजी या वित्तीय जानकारी को कन्फर्म करने के लिए कहा जाए या उस जानकारी के लिए रिक्वेस्ट की जाए.
3.इसके साथ अनजान व्यक्ति की ओर से भेजे गए ईमेल में मौजूद किसी लिंक पर क्लिक न करें. ई-मेल में मौजूद फाइल को डाउनलोड या अटैचमेंट को भी न खोलें. उस समय भी सतर्क रहें, अगर ईमेल ऐसी कंपनी की ओर से लग रहा हो, जिसके साथ आप कारोबार या काम करते हैं. आप संबंधित व्यक्ति को कॉल करके भी ईमेल के बारे में पूछ सकते हैं.
4.ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते समय, ऐसे किसी साइन को खोजें, जिससे साइट के सुरक्षित होने का पता चले. जैसे आप ब्राउजर के स्टेटस बार पर लॉक आइकन या “https:” यूआरएल को खोज सकते हैं, जिसमें “s” सुरक्षित होने की ओर संकेत करता है. इसकी जगह “http:” होने पर सतर्क हो जाएं.
5.इसके अलावा यह भी चेक कर लें कि वेबसाइट का एड्रेस सही है.
6.अपने कंप्यूटर को सुरक्षित करने के लिए कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर एंटी-वायरस या एंटी-स्पाईवेयर या पर्सनल फायरवॉल इंस्टॉल कर लें. और उसे नियमित तौर पर अपडेट भी करें.
7.अपने ऑनलाइन अकाउंट्स और बैंक स्टेटमेंट्स को नियमित तौर पर चेक करें, जिससे यह सुनिश्चित हो कि कोई अप्रमाणित ट्रांजैक्शन नहीं हुए हैं.
8.कभी भी किसी भी व्यक्ति को कुछ डिटेल्स जैसे पासवर्ड, डेबिट कार्ड ग्रिड वैल्यू आदि न बताएं, चाहे वे बैंक कर्मचारी होने का दावा क्यों न करते हों. इन डिटेल्स को सरकारी संस्थाएं जैसे आरबीआई, आईटी विभाग आदि की ओर से भेजे ईमेल या लिंक दिखने पर भी साझा नहीं करें.
9.वेब एड्रेस को ब्राउजर में टाइप करें. ईमेल में भेजे गए लिंक का इस्तेमाल न करें.
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