छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से स्कूल संचालक को मिली राहत School operator got relief from Chhattisgarh High Court
रायपुर। छग हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को राहत दी है। स्कूल संचालक की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने कराधन वसूली की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। मोटर यान अधिनियम के तहत राज्य शासन ने 11 लाख 15 हजार 124 स्र्पये वसूली का नोटिस जारी किया है। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
नवल किशोर देवांगन ने वकील शैलेंद्र बाजपेयी के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वे स्कूल प्रबंध समिति के सदस्य हैं। वर्ष 2013 में बैंक की नीलामी से स्कूल के लिए बस खरीदी थी। खरीदी के बाद नियमानुसार दस्तावेजों में नामांतरण भी कराया।
जो बैंक प्रबंधन की गलती के कारण उनके नाम पर दर्ज कर दिया गया। वाहन के लिए परमिट लेने की प्रक्रिया शुरू की, जो मिली नहीं मिल पाई। नियमों व मापदंड के अनुसार बस का फिटनेस नहीं होने के कारण रजिस्ट्रेशन खत्म हो गया है।
बस का रजिस्ट्रेशन छह मार्च 2013 से खत्म है। तब से उनकी बस खड़ी है। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधन अधिनियम की धारा 3 उपधारा 2 के तहत उन पर कराधन लग रहा है। उनसे कराधन के रूप में 11 लाख 15 हजार 124 रुपए की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधन अधिनियम की धारा 3 उपधारा 2 की वैधानिकता को चुनौती दी। मामले की सुनवाई कार्यकारी चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्अिस रजनी दुबे के डिवीजन बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने कराधन वसूली की नोटिस पर रोक लगा दी है।
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